माता तेरे सजदे में झुक रहे ज़माने है,
होठो पे इबादत है इबादत है नैन ये दीवाने है,
जग ये तेरी सत्ता है तू नियंत्रित करती है,
वेद तेरे रहमो कर्म की महिमा बखानी है,
माता तेरे सजदे में झुक रहे ज़माने है,
तू ही दुर्गा चंडी है शुम्ब निशुंभ हरनी तू,
पाप नाशो हव बोछनि तुझको वेद जाने है,
माता तेरे सजदे में झुक रहे ज़माने है,
मांगो आंबे रानी से हर मुराद मिलती है,
डर गया मैं भीगता यहां बरस रहे खजाने है,
माता तेरे सजदे में झुक रहे ज़माने है,
ऋषि ग्वाला कहते है अब विजय की बारी है,
जो मिला है माँ ने है दिया माँ पे लुटाने है,