मैं बेटी हु तू है माता रहे अटल सदा ये नाता,
ये रिश्ता कभी टूटे कभी न तेरा दर छूटे माँ,
करुणा की ज्योत है तू ममता की धरा है,
पग पग पे माँ मेरा तू ही तो सहारा है,
तेरा पूजन ध्यान ना जानू,
तुझे माँ अपनी बस मानु,
तू मुझसे कभी न रूठे,
कभी न तेरा दर छूटे माँ
गोद में बिठा ले कभी भर ले तू बाहो में,
ममता की छाव तले रख तू निगहाओं में,
कोई अपना और नहीं है कही तुझ बिन थार नहीं है,
सब जग वाले है झूठे,
कभी न तेरा दर छूटे माँ