कुंभ की महिमा जान ले,
धूल जायेगे पाप तेरे,
कुंभ की महिमा जान ले,
कुंभ मेले में जो भी आया उसने जीवन अमृत पाया,
कुंभ मेले में नहा कर कर ले तू अपना उधार,
गंगा यमुना सरसवती है संगम है प्राग,
कुंभ की महिमा जान ले,
कुंभ का मेला है सुख दाई इसकी महिमा पुराणों में पाई,
इस अवसर को जाने दिया तो पश्ताये गा सदा,
देर न तू कर आने में इक पल भी न गवा ओ बंदे,
कुंभ की महिमा जान ले,