हे विष्णु के अवतार बाबा गंगाराम
गंगाराम प्रभु गंगा राम पतित पावन तेरो नाम
श्रृष्टि के पालनहार बाबा गंगाराम
सत्ये सवरूप है कलिमल हारी
लक्ष्मी सूत है लीला धारी,
तेरो साँचो है दरबार
बाबा गंगाराम
शेवत वर्ण पिताम्बर सोहे
शीश मुकट भगतन मन मोहे
मन भावन है शिंगार बाबा गंगाराम
पंच देव मंदिर में विराजत,
दरबार तुम्हारे नोबत भाजत,
तेरी महिमा अपरम पार
बाबा गंगाराम
भगतन हित कलयुग में आये
सोरव मधुकर गुण तेरे गाये,
तेरी हो रही जय जय कार
बाबा गंगाराम