hari hari sumiran karo hari charanar vrind ur dharo
हरी हरी हरी हरी सुमिरन करौ
हरी चरणान वृन्द उर धरौ
हरे राम हरे राम रामा रामा हरे हरे
हरे कृष्णा करे कृष्णा कृष्णा कृष्णा हरे हरे
हरी की कथा होइ जब जहाँ
गंगा ही चली आवे तहाँ
जमुना सिंधु सरस्वती आवे
गोदावरी विलम्भ ना लावे
सर्व तीरथ को बासा वहां
सूर हरी कथा होवै जहाँ
हरी चरणान वृन्द उर धरौ
हरी हरी हरी हरी सुमिरन करौ