तू भक्तों का रखवाला है सिर मोर मुकुट बंसीवाला है,
हर जीव की धड़कन तू है तू हर श्वांसचलाने वाला है,
देवकी गर्भ में आया, वासु ने गोद उठाया,
बंद जेलों के अंदर तूने तो दर्श दिखाया,
तू कंस के पहरेदारों को खुद आप सुलाने वाला है तू भक्तों…
गया नंद गांव में था, रहा नंद छांव में था,
कहीं माखन चुराये, कहीं मिट्टी भी खाए,
क्या देखेगी मैया तू मुख में, ब्रह्मांड दिखाने वाला है तू भक्तों…
वृन्दावन धाम तेरा, कृष्ण है नाम तेरा,
तू ऐसी रास रचाए, सभी को नाच नचाए,
गिरिवर को उठाया था नख पे, तू गऊ चराने वाला है तू भक्तों…
तू यहां नहीं तू वहां नहीं मत पूछो तू है कहां नहीं,
कुछ बहरों में कुछ अंधों में तू रहता मस्त मलंगो में,
अन्दर के पट को खोल जरा, तू उसे नजर आने वाला है तू भक्तों…