आजा चौंकी में प्रेम रस घोल देयो माँ,
खिड़की नसीबो वाली खोल देयो माँ,
हमे ममता के मोतियों में तोल दो माँ
खिड़की नसीबो वाली खोल देयो माँ,
पुरे सभी के सवाल करके,
बचो को जाना निहाल करके,
सब निर्धनों को मालामाल करके ,
देना ख़ुशी माँ खुशाल करके,
सारे जय कारे तेरे बोल दे ओ माँ
खिड़की नसीबो वाली खोल देयो माँ,
हम है पतंग तू है डोर दातिए,
नाचे नाचए जिस और दातिए,
कोई सहारा नहीं और दातिए,
विनती पे कर तू गौर दातिए,
बचे तेरे बिन किस मोल दे ओ माँ,
खिड़की नसीबो वाली खोल देयो माँ,