जिसने भी आंबे माँ का गुण गान किया है,
कल्याण किया है रे कल्याण किया है,
ध्यानु ने जब भी माँ को मनाया,
सिर माँ के चरणों में अपना चढ़ाया,
माँ मुस्कुराई देर न लगाई,
कर ज़िंदा जीवन का दान किया है,
कल्याण किया है रे कल्याण किया है,
श्रीधर ने जब देवी माँ को भुलाया,
घर आके माँ ने भंडारा करवाया,
अपनी रेनुमा से बिना हलवाई के,
त्यार पल में पकवान किया है,.
कल्याण किया है रे कल्याण किया है,
जब देवताओ ने माँ को पुकारा,
धर रूप काली का रकत बीज मारा,
कहे सनी गोयल माँ है बड़ी कोमल,
माँ ने अनाडी को ज्ञान दिया है,
कल्याण किया है रे कल्याण किया है,