सब की सुने दिन रात, माता रानी सब की सुने ll
जन्म जन्म की, विगड़ी यहॉं पर* ll,
बन जाती है बात, माता रानी सब की सुने xll,,,
( ^सब की सुने, सब की सुने xll,
हो,, 'सब की सुने दिन रात, माता रानी सब की सुने xll )
दुःखी हो के जब भी, पुकारे कोई आत्मा,
"कर देती कष्टों का, घड़ियों में ख़ात्मा" ll
बदल देती ताना बाना, हाथों की लकीरों का,
"रखती हिसाब मईया, शहनशाह फकीरों का" l
वोह निर्बल बन, जाए बलशाली* ll,
जिस पे रखती हाथ, माता रानी सब की सुने xll,,,
( ^सब की सुने, सब की सुने xll,
हो,, 'सब की सुने दिन रात, माता रानी सब की सुने xll )
इसी माँ ने किए हैं, अंधेरों में उजाले,
"बने गुमनाम यहॉँ, ऊँचे नाम वाले" l
जब चाहे पलट देती, कर्मों का पासा,
"सुख दुःख इसी का है, खेल तमाशा" ll
यहॉं हर किसी को, मिल जाती है* ll,
मुँह मांगी सौगात, माता रानी सब की सुने xll,,,
( ^सब की सुने, सब की सुने xll,
हो,, 'सब की सुने दिन रात, माता रानी सब की सुने xll )
इस के सहारे ही, जहान सारा पलता,
"क्या किया कब कहाँ, पता भी ना चलता" l
आस्था का सोना यह माँ, आग में तपाती
"कब कहीं जा के उसे, कुन्दन बनाती" l
इसे न मतलब, कोई मज़हब से* ll,
न ही पूछे ज़ात, माता रानी सब की सुने xll,,,
( ^सब की सुने, सब की सुने xll,
हो,, 'सब की सुने दिन रात, माता रानी सब की सुने xll )
अपलोडर- अनिलरामूर्तिभोपाल