माई दे भवन ते फ़ुलाँ दी वर्षा,
तेरी हो रही जय जय कार भवन ते फ़ुलाँ दी वर्षा,
भगता ने फ़ुलाँ दियां थालियां सजाइयाँ ने,
चांदी दी कोलियाँ च ज्योति जगाइयाँ ने,
झूम रहे मस्ती विच सारे दाती तेरे लाल प्यारे बन के सेवा दार,
भवन ते फ़ुलाँ दी वर्षा.......
मईया दे दवारे उते रोनका ने बडिया,
लमिया क़तारा विच संगता ने खड़ियाँ,
हर पासे गूंजे जय जय कारे बैठी दाती खोल द्वारे,
भर दिंडी भण्डार भवन ते फ़ुलाँ दी वर्षा..
लेहरा विच आके मईया खुशियां लुटांड़ी,
दया वाले हथा नाल खैरा पाई जांदी,
निर्मल न बलवान बना दे मूरख नु गुणवान बनादे ,
दर्श करे इक बार,
भवन ते फ़ुलाँ दी वर्षा