कब रिझोगी प्यारी श्यामा, कब रिझोगी प्यारी राधे॥ विछे भाग लूट त है मोहे॥ , करुणा सिन्धु' आगा दे राधे,॥ कब रिझोगी प्यारी राधे॥ इक तुम ही अब लम्बनाग्री,॥ अब तुम ही साथ दे राधे॥ कब रिझोगी प्यारी राधे॥