आया है आया है पहली बार भुलावा माँ का आया है,
चलो रे चलो दरबार माता ने भुलाया है,
बेबस लाचारों का जग में सच्चा एक ठिकाना है,
बीच गुफा में खोल के बैठी माँ अनमोल खजाना है,
सच्चे मन से माँगा जिसने जो माँगा सो पाया है,
आया है आया है पहली बार भुलावा माँ का आया है
जय माता दी कहने वाले भक्त नहीं गबराते है,
जैकारे से जन्म जन्म के पाप सभी कट जाते है,
उसको कौन मिटाये जब में जिसपे माँ का साया है,
आया है आया है पहली बार भुलावा माँ का आया है
खुशियों से भर जाते दामन माँ की मेहर जब होती है,
दूर करे जीवन का अँधेरा माँ की पावन ज्योति है,
जगाया दीपक द्वार पे जिसने माँ ने प्यार लुटाया है,
आया है आया है पहली बार भुलावा माँ का आया है