वंदन करु मै तेरी, शारदा भवानी,
कभी मेरे घर पे बुलाउ तो आना॥
सुर कि हे देवी सरस्वती कहलाती,
ज्ञानि हो जाता जिसपे नैना घुमाती,
वंदन करु मै तेरी, शारदा भवानी,
कभी मेरे घर पे बुलाउ तो आना॥
ज्ञान कि है देवी तुने,जग को सवारी
धन्य हो गई मां होके, सेवन तुम्हारी....-2
सदा तुमने भक्तों की बात, मईया मानी
चरणों में तेरी बनाऊं, ठिकाना
वंदन करु मै तेरी, शारदा भवानी,
कभी मेरे घर पे बुलाउ तो आना॥
ब्रह्मा के मुख से निकली, स्वर्ग में विराजे,
हंस वाहिनी हाथों में, विणा है साजे....-2
सुर को सजाना मइया, सरगम बजाना,
बिगड़ी हुई ए, जिवन बनाना,
वंदन करु मै तेरी, शारदा भवानी,
कभी मेरे घर पे बुलाउ तो आना॥
जाने है जग ए सारा, महिमा तुम्हारी,
दया तो दिखाओ आके, हे विणाधारी,
करती नमन हु तेरे,चरणों में मईया,
विनती हमारी तुम भुल ना जाना,
वंदन करु मै तेरी, शारदा भवानी,
कभी मेरे घर पे बुलाउ तो आना॥