मुझे मस्ती चढ़ गयी नाम की मुझे मस्ती चढ़ गयी ॥
जब मस्ती चढ़ गयी नाम की, फिर ये दुनिया किस काम की
मुझे मस्ती चढ़ गयी नाम की मुझे मस्ती चढ़ गयी॥
बिन मस्ती के मैया जी कोई भेटें गा नहीं पायेगा॥,
भेटें गा नहीं पायेगा,भेटें गा नहीं पायेगा
हो कोई लिख नहीं पायेगा और कोई गा नहीं पायेगा॥,
कोई गा नहीं पायेगा, कोई गा नहीं पायेगा
ओ मां के नाम की मस्ती भक्तों, ओ मां के नाम की मस्ती भक्तों,
इतनी नहीं है सस्ती
मुझे मस्ती चढ़ गयी नाम की मुझे मस्ती चढ़ गयी
मस्ती चढ़ गयी राधा जी को मिल गए मोहन प्यारे॥,
मिल गए मोहन प्यारे, मिल गए मोहन प्यारे,
ओ राधा के संग मोहन लगते सबको बड़े ही प्यारे,
सबको बड़े ही प्यारे, लगते सबको बड़े ही प्यारे
ओ मां के नाम की मस्ती भक्तों, मां के नाम की मस्ती भक्तों,
यहीं पे है बस मिलती
मुझे मस्ती चढ़ गयी नाम की मुझे मस्ती चढ़ गयी
ओ भक्ति की मस्ती में ध्यानु ने भी शीश चढ़ाया॥,
ध्यानु ने शीश चढ़ाया, मां ध्यानु ने शीश चढ़ाया,
ओ पवान्स्वरूपा मां ने आ के उसका शीष मिलाया,
उसका शीष मिलाया, मां ने उसका शीष मिलाया
ओ बन गया ध्यानु माँ का लाडला, उसकी बन गयी हस्ती
मुझे मस्ती चढ़ गयी नाम की मुझे मस्ती चढ़ गयी
जब मस्ती चढ़ गयी नाम की, फिर ये दुनिया किस काम की
मुझे मस्ती चढ़ गयी नाम की मुझे मस्ती चढ़ गयी
मुझे मस्ती चढ़ गयी नाम की मुझे मस्ती चढ़ गयी