झांकी निराली है निराली मेरी मात की,
दरबार ये प्यारा है,हये प्यारा शेरावाली का,
सिर लाल चुनरिया माथे सूरज सी बन्दिया,
छम छम भाजे पायलिया मेरी मात की,
करते शेर सवारी माँ की सूरत है प्यारी ,
देख सुध भुध सब हारी भावना से,
वारि वारि मैं जाऊ माँ,
बलिहारी मैं जाऊ माँ हां जाऊ तेरे दरबार पे,
दरबार ये प्यारा है,हये प्यारा शेरावाली का,
शुंभ निशुंभ को मारा महीशा सुर को संगारा दिया भक्तो को सहारा मेरी माँ ने,
शिव को दूत बना कर शिव दुति कहलाकर,
देवो का किया उधार मेरी माँ ने,
मेरी माँ रखवाली है,
क्या कहना माँ भवानी का,
दरबार ये प्यारा है,हये प्यारा शेरावाली का,
ऊचे पहाड़ो में माता के द्वारे में चढ़ती तू जाना इक बारी,
अर्जी लगाना अपने दुखड़े सुनना थोड़ा मन से ध्याना तू इस बारी,
कर देगी मुरादे पूरी हां मेरी ज्योता वाली माँ,
दरबार ये प्यारा है,हये प्यारा शेरावाली का,
भेटे माँ की जो गाये प्यार उस पे बरसाए,
उसकी बिगड़ी बनाये माँ भवानी,
मन में जो भी वसाये दिल से उसको रिजाये,
उसको अपना बनाये माँ भवानी,
ये सब का द्वारा है हो द्वारा लाटा वाली का,
दरबार ये प्यारा है,हये प्यारा शेरावाली का,