ना बंद करीं

ना बंद करीं दरवजा, अस्सा कल फिर आऊँना ऐं,
जो अज्ज सहनु  मिलिया नहीं, कल लै के जाना ऐं।

तेरे दर तक आवन लई कोई मुश्किल आयी नहीं,
एह वखरी गल है माँ  होई सुनवाई नहीं,
कुझ गल्लां करनीयां ने, कुझ हाल सुनाऊँना ऐं,,,,,,,,

तेरी मूरत तक्क के माँ तक्कदा ही रह गया हाँ,
कुझ पत्ता नहीं चल्लेया तैनू की कुझ कह गया हाँ,
अम्बे तेरी मोहनी  मूरत का हर कोई दीवाना ऐं,,,,,,,


पंडित सेव शर्मा
श्री दुर्गा संकीर्तन मंडल
रानियां (सिरसा)
७५८९२१८७९७

download bhajan lyrics (1030 downloads)







मिलते-जुलते भजन...