श्याम आये नैनो में बन गई हु मैं संवारी
शीश मुकट बंसी अधर रेशम का पीताम्बर
पेहने है बन माल सखी सलोनो श्याम सुंदर
कमलो से चरणों पर जाऊ मैं वार री,
श्याम आये नैनो में बन गई हु मैं संवारी
मैं तो आज फूल बनू धुप बनू दीप बनू
गाते गाते गीत सखी आरती का दीप बनू
आज चडू पूजा में बन के इक पांख खुडी