राम वसदे ने अंदर तेरे,
तू बाहर कानू लब्दा फिरे,
मंदिर जावे मस्जिद जावे जावे गुरुद्वारे,
मन विच तेरे घोट भरी किथो लबन राम प्यारे,
कदे देख अंदर मुख मोड़े ,
तू बाहर कानू लब्दा फिरे,
राम वसदे ने अंदर तेरे.........
मन अपने नु शुध बनाके सची ज्योत जगाले,
सब दे मालिक राम प्रभू नु अपने मन च वसाले,
देख तार नाल तार नु तू जोड़े,
तू बाहर कानू लब्दा फिरे,
राम वसदे ने अंदर तेरे.....
राम तेथो दूर नही तू देख खोल के अखा,
हूँ भी न एह समजे योगी दस किवे मैं दसा,
वेख मन वाली कुंडी तू खोले,
तू बहार काहनू लभदा फिरे,
राम वसदे ने अंदर तेरे.....