सुन बेटा सुन मेरे लाड ले,
माँ धरती का ऋण जरा बेटे तू चूका देना,
भारत माँ की खातिर लहू बहा देना,
वो दर पे जाते बेटे इतना तो याद रखना,
पीछे कदम हटे न आगे है तुझको बढ़ना,
दुश्मन हज़ारो है निरबह निडर लड़ना,
बबर शेर के जैसे तू अकर्मण करना,
अंजाम भले कुछ हो न पीठ दिखाना,
भारत माँ की खातिर लहू बहा देना,
कट जाए शीश तेरा इसका न कोई गम हो,
सीने में बहके जवाला आंखे न तेरी नम हो,
माना यहाँ सारा ये रंग बिरंगा है,
प्यारा हमे सबसे अपना तिरंगा है,
ये झुकने न पाये बेटे प्राण गवा देना,
भारत माँ की खातिर लहू बहा देना,
यु तो जहां में जीवन जीते है लोग सारे,
जिन्दा मगर वही है जो होंसला न हारे,
तुम हिन्द के सांगी मिटटी में मिल जाए,
मेरी गोद सुनी हो पर फूल खिल जाए,
तू सुर वीर है अपना फ़र्ज़ निभा देना,
भारत माँ की खातिर लहू बहा देना,