मेहंदीपुर और सालासर में रुका शिवअवतारी का,
कसम से जादू सा कर गया मैं फैन सु राम पुजारी का,
बाल रूप है चंदा जैसा मेहंदीपुर वाले का,
दुनिया हुई दीवानी सारे रूप गज़ब चाले का,
जिसने हो जा दर्शन काटे पल में देहि सारी का,
कसम से जादू सा कर गया मैं फैन सु राम पुजारी का,
सालासर में भवन निराला पक्षी भी गुण गाते है,
हॉवे आरती छीटा लागे लगते ही उड़ जाते है,
पक्षी हॉवे जा जीव जंतु कष्ट हरे सब नर नारी का,
कसम से जादू सा कर गया मैं फैन सु राम पुजारी का,
जीवन नइयां पार लगा दी कर गया मोह को बारा,
कोठी बंगले महल बनाये गद्दी करदी बारहा,
ज़िंदगी बार मैं शान न भूलू गाउ गुण बलकारी का,
कसम से जादू सा कर गया मैं फैन सु राम पुजारी का,
कप्तन शर्मा होया दीवाना राम सिंह का चेला,
राम स्माल न करता भक्ति रह हो सीखी गेहलया,
राकेश भगत दरबार लगावे बाबा मुकतर धारी का,
कसम से जादू सा कर गया मैं फैन सु राम पुजारी का,