जब कोई न हो अपना,
बस श्याम नाम जपना,
विश्वाश सदा रखना,
बस श्याम नाम जपना,
झूठे ये रिश्ते झूठे ये नाते,
वक़्त पड़े ये तेरे कोई काम नहीं आते,
कौन यहाँ संगी कौन यहाँ साथी,
स्वार्थ की ये दुनिया या सब है मतलबी,
सब दो दिन का है सपना,
तुम श्याम नाम जपना......
तू किस के लिए यहाँ रोता है ,
क्यों गहरी नींद में सोता है,
क्यों भूल गया तुम उस के कर्म,
किस कारण हुआ ये जन्म,
तुझे श्याम से है मिलना,
बस श्याम नाम जपना,
क्यों तू गबराये क्यों तू बरमाये,
सौरव मधुकर श्याम शरण में क्यों तू न आये,
ये अपनाएगा गले लगाएगा,
दीनो का ये नारद तेरा साथ निभाये गा,
चरणों में सदा रहना,
बस श्याम नाम जपना,