विद्या की देवी तु दानी महान

विद्या की देवी तु दानी महान,
महिमा गाये सरे जहान,
हंस की सवारी है माँ सरस्वती,
वीणा पुस्तक धारण है माँ शारदे,
विद्या की देवी तु दानी महान

ओ जगत की जननी जरा वीणा की तान सुना जा,
सो रही है दुनिया जरा जीने की राह दिखा जा,
देखो तो कौन है वो हंस की सवारी है माँ सरस्वती,
वीणा पुस्तक धारण है माँ शारदे,

क्या सुनाऊ मियां अपने जीवन की सच्ची कहानी,
मन की ये अभिलाषा कही हो ही ना जाये पुराणी,
देखो तो सोचो न हंस की सवारी है माँ सरस्वती,
वीणा पुस्तक धारण है माँ शारदे,

कर के दया माँ इक दिन तू मेरे घर आना,
तुझको पता है माँ गमभीरा का ठिकाना,
आजा ओ माँ मेरी मेरी ज़िंदगानी है माँ शारदे,
वीणा पुस्तक धारण है माँ शारदे,
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