कायर सके ना झेल फकीरी अलबेला रो खेल,
अरे क़ायर सके ना झेल फ़कीरी अलबेला रो खेल,
ज्यूँ रण माँय लडे नर सूरा ईणियाँ झुक रहना सैल,
गोली दोनाल जुजरबा चालै सन्मुख लेवै झेल,
फकीरी अलबेला रो खेल,
कायर सके ना झेल फकीरी अलबेला रो खेल,
फकीरी अलबेला रो खेल...
सती पति संग नीसरी रै अपने पिए के गैल,
सुरत लगी बा पति चरणां में अगम काया बिच मैल,
फकीरी अलबेला रो खेल....
अलड़ पंथी ज्यूँ उलटा चाले, बाँस भरत नट खेल,
मेंरूँ इक्कीस छेद गढ़ बांका, चढ़गी अगम के महल,
फकीरी अलबेला रो खेल...
दो और एक रवे नहीं दूजा, आप आप रो खेल,
कहे सामर्थ कोई असल पिछाणै, लीनी गरीबी झेल,
फकीरी अलबेला रो खेल...