राधे-राधे राधे-राधे राधे-राधे,
राधे राधे राधे राधे राधे राधे श्री राधे...
मेवाड़ में हर रंग के दीवाने मिलेंगे,
आपस में बड़े प्यार से बेगाने मिलेंगे,
हर देश से पहुंचेंगे दर्शन को सब भक्त,
चारों तरफ श्याम के परवाने मिलेंगे,
तकदीर मुझे ले चल श्रीनाथ की नगरी में,
तकदीर मुझे ले चल श्रीनाथ की नगरी में,
ये उम्र गुजर जाए श्रीनाथ की नगरी में.....
क्या जाने कोई क्या है श्रीनाथ का दरबारा,
सबसे बड़ा है जग में श्रीनाथ का दरबारा,
बैठा है मुरलीधर ये श्रीनाथ मेरा बाबा,
मुख पर सबके आए ये राधा का ही नाम,
राधे-राधे जप के बनते हैं बिगड़े काम,
ये उम्र गुजर जाए श्रीनाथ की नगरी में.....
श्री नाथद्वारा जाऊं श्री जी के गुणगाऊ,
सबसे पहले आ के चरणों में शीश जुकाऊं,
एक तेरा नाम लेकर भवसागर तर जाऊं,
मेरी भी काम ना आए श्री नाथद्वारा जाऊं,
ये उम्र गुजर जाए श्रीनाथ की नगरी में.....
मीरा ने जब पुकारा तुम दौड़े चले आए,
एक तेरे भरोसे ही दुनिया में दुख उठाए,
मेरी भी सुन लो विनती बस दृश्य से चाहता हूं,
मुझको बुला लो श्रीजी मैं द्वार तेरे आऊं,
तकदीर मुझे ले चल श्रीनाथ की नगरी में
ये उम्र गुजर जाए श्रीनाथ की नगरी में.....