कब से पुकारू मेरे श्याम,
आजा मैं तो खड़ा हु दरबार में,
कब से पुकारू मेरे श्याम
सँवारे सलोने मुझको भी तेरी एक झलक दिखला दे,
मैं हु दीवाना तेरा मुझको भी बाबा अब राह दिखा दे,
तू है दयालु दातार,
आजा मैं तो खड़ा हु दरबार में,
कब से पुकारू मेरे श्याम
तेरा सहारा तेरा भरोसा तुझे आना पड़े गा,
तुझको भुलाया अपनी शरण बाबा लेना पड़े गा,
मुझको है तेरा इंतज़ार,
आजा मैं तो खड़ा हु दरबार में,
कब से पुकारू मेरे श्याम
पप्पू लाल बोले मैं भी रंगा हु रंग में तेरे,
हाथ दया का बाबा रखदे सिर पर मेरे,
गुलशन भी आया दरबार,
आजा मैं तो खड़ा हु दरबार में,
कब से पुकारू मेरे श्याम