मन का पंक्षी भटक रहा है मिले न कोई किनारा,
छोड़ छाड़ ये दुनिया दारी खाटू दौड़े आना,
जपो सुबहो शाम आठो याम यही नाम,
श्याम श्याम मेरा खाटू वाला श्याम,
बोलो जय श्री श्याम जय जय श्री श्याम,
बड़े भाव से बड़े चाव से जो भी खाटू आयेगा,
श्याम सलोना मुरली वाला फिर किरपा बरसायेगा,
मोर छड़ी का झाड़ा पाके भव सागर तर जायेगा,
श्याम मोरे श्याम,
बंसी वाले का वरदान कलयुग में बस एक ही नाम,
जय श्री श्याम जय जय श्री श्याम,
जपो सुबहो शाम आठो याम यही नाम........
बड़े बड़े सेठो की देखो लगती यहाँ कतारे है,
सेठो का है सेठ संवारा सब के काज सवारे है,
सच्चे मन से जो भी पुकारे नीले चढ़ वो आयेगा,
श्याम मोरे श्याम कलयुग में बस एक ही नाम,
जय श्री श्याम जय जय श्री श्याम,
जपो सुबहो शाम आठो याम यही नाम........