कुछ भी नहीं चाहे दुनिया में मुझे सांवरिया सरकार मिले,
मेरी नाव भवर में जब डोले मेरी बिन भागी पतवार हिले,
तेरे चरणों की रज पा कर मैं हुआ ध्यन यहाँ पर आकर मैं,
देखु वृन्दावन देखु तुझे ऐसा पल बाराम बार मिले,
कुछ भी नहीं चाहे दुनिया में मुझे सांवरिया सरकार मिले,
तू पार लगाने वाला है तू सब को संभालने वाला है,
कोई कुछ भी नहीं कर सकता जब तक तेरा न उपकार मिले,
कुछ भी नहीं चाहे दुनिया में मुझे सांवरिया सरकार मिले,
नहीं इस के सिवा कुछ चाहु जब इस दुनिया से मैं जाऊ,
सनी की आखो को उस पल केवल तेरा दीदार मिले,
कुछ भी नहीं चाहे दुनिया में मुझे सांवरिया सरकार मिले,