चुपके चुपके रोने वाले अक्शो को न बहा,
कोई नहीं है तेरा यहां कौन आंसू पौंछे गा
चुपके चुपके रोने वाले...
सुख गया आँखों का पानी तेरी याद में रोते रोते,
प्राणां प्यारे मिल न सका ये जीवन खोते खोते,
चुपके चुपके रोने वाले.....
मुख सुख गया जब रोते हुए तब अमृत ही बरसाया तो क्या,
अब सागर में जब दुब चुके तब नाव किनारे पे लाया तो क्या,
लोचन बंद हमारे हुए बिशरू तू मुस्काया काया,
जब जीवन ही ना रहा जग में फिर आ कर दर्श दिखाया तो काया,
तोहे यहाँ के तेरे यहाँ कौन आंसू पौंछे गा,
चुपके चुपके रोने वाले....