कहती है दुनिया तुम्हे अवघड़दानी,
मुझपे भी कर दो भोला एक मेहरबानी,
मैं भी कांवर लेके आऊं की गंगाजल तुमको चढ़ाऊँ,
बड़े बड़ों की बिगड़ी तुमने बनाया ,
पी के ज़हर सबको अमृत पिलाया,
जटा में रोका तुमने गंगा का पानी ,
मुझपे भी कर दो भोला एक मेहरबानी,
मैं भी कांवर लेके आऊं की गंगाजल तुमको चढ़ाऊँ
भोला का रूप लागे कितना निराला,
गले मे लिपटी है सर्पों की माला,
भक्तों ने तेरे बड़ी महिमा बखानी मुझपे भी कर दो भोला एक मेहरबानी
मैं भी कांवर लेके आऊं की गंगाजल तुमको चढ़ाऊँ
दिलीप कमलेश भोला तेरे दीवाने,
राजेश रंजन तेरी महिमा को जाने,
शाहे आलम साँवरिया भी बोले ये बानी मुझपे भी कर दो भोला एक मेहरबानी
मैं भी कांवर लेके आऊं की गंगाजल तुमको चढ़ाऊँ
गायक - शाह आलम साँवरिया