तू अपने हिसे की नेकिया वक़्त के रहते कर ले,
वक़्त कही ये रूठ ना जाये कुछ तो वक़्त से डर ले,
तू अपने हिसे की नेकिया वक़्त के रहते कर ले,
वक़्त जो गया हाथ से निकल वक़्त से मांगेगा तू कल,
वक़्त नहीं देने वाला पल सोच इस मुश्किल का कोई हल,
पश्तावे का वक़्त ना आये ध्यान वक़्त का डर ले,
तू अपने हिसे की नेकिया वक़्त के रहते कर ले,
वक़्त नहीं कभी किसी का सगा वक़्त से करना न तू दगा,
वक़्त जब रंग बदलने लगा तू रह जाएगा ठगे का ठगा,
बस थोड़ी हिमत कर के वक़्त को करे तो वश में करले,
तू अपने हिसे की नेकिया वक़्त के रहते कर ले,
वक़्त जब मिले नेकी कर ढालो वक़्त हो बुरा तो हस कर टालो,
वक़्त अगर बने तो अपना बना लो,
वक़्त से जैसी निभे निभा लो,
अरे कहते है वक़्त की मार बुरी बस वक़्त की तू कर कदर ले,
तू अपने हिसे की नेकिया वक़्त के रहते कर ले,