थारो टाबर भोलो मां,
म्हारो जन्म सुधारो मां,
भुजलंब दया करके,
अब आय उबारो मां॥
म्हारो कौन धणी देवी,
बस थारो सहारो है,
विपदा सू घिरयोडो मां,
ओ टाबर थारो है,
म्हारे हर एक संकट को,
कर द्यो निस्तरो मां,
भुजलंब कृपा करके,
अब आय उबारो मां॥
दुष्मी पग पग फैल्या,
नित रोज सतावे मां,
मझधार म्हारी नैया,
कुण पार लगावे मां,
लहरा को डर लागे,
अब बांह पसारो मां,
भुजलंब दया करके,
अब आय उबारो मां॥
मैं जानूँ कुछ भी ना,
रखो जियां रह ज्याऊं,
दर छोड़ थारो करणी,
कुणसे दर मैं जाऊ,
थारे ही चरना में,
है जीवन सारो मां,
भुजलंब दया करके,
अब आय उबारो मां॥
प्रांजल और देव थारै,
दर शीश निवावै मां,
सेवक ओ रामोतार,
गुण थारा गावै मां,
सुख दुख रा थे संगी,
एक शरणो थारो मां,
भुजलंब दया करके,
अब आय उबारो मां॥