मंने जग सारा तेरा वार न जाये खाली कलकत्ते वाली,
जै जै माँ दुर्गा काली काली कलकत्ते वाली,
जोर से बोलो जय माता दी
शक्ति दा झूले झंडा, हत्थां विच खप्पर खंडा,
भगतां लयी फुल्ल महकदा, दृष्टां लयी काली कण्डा,
तेरी है शान निराली कलकत्ते वाली......
सारे बोलो जय माता दी
गुस्सा माँ जदों दिखावे, खंडा ऐसा खड़कावे,
काल भी थर थर कम्बे,दुश्ता लयी परलो आवे,
बच्चेयाँ दी करदी तू रखवाली कलकत्ते वाली.....
अगले भी बोलो जय माता दी
अखियां चों निकलन शोले बाणां चों बरसन गोले,
चण्डी दा रूप देख के, धरती भी कम्बे डोले,
अम्बरां ते ओदों छा जे लाली कलकत्ते वाली.......
भगतां नू सदां उभारे, पापी चुन चुन के मारे,
वेख के तेज़ मैया दा, देवते पूजन सारे,
ऐसी है माँ शक्तिशाली कलकत्ते वाली........
पंडित देव शर्मा
श्री दुर्गा संकीर्तन मंडल
रानियां, सिरसा