कोई दुःख न मिले उसको जो पूर्णा के घर आये,
रहमत की घटा बन के तू सुख ही बरसाए,
मैंने सुना मैया जो सब ने बताया है
जब दुःख आये सिर पे कोई साथ ना आया है,
अब तेरा सहारा है तू दुःख दे या हरषाए,
कोई ना दुःख न मिले उसको........................
ना पास दवानी ना पास चवानी है,
मुझको चिढाते है जिनके पास दवानी है,
तू एक रुपिया दे मुह उनका उतर जाये,
कोई ना दुःख न मिले उसको................
जिनको जग वालो से माँ मिले अन्देरे है,
तूने किरपा से माँ लिख दिए सवेरे है,
दुःख दूर रहे उनसे गम पास नही ए,
कोई ना दुःख न मिले उसको.................
एक दुखारी नारी माँ बात कहे अपनी,
तू भाग्यविदाता है तू है मंगल करनी,
चरणों में रहे ये मन कही और नही जाये,
कोई ना दुःख न मिले उसको................