तेरे बिना गोपाल मेरा दिल नहीं लगता,
झूठी दुनिया की बातो से मन को है भरमाया,
काम क्रोध मध लोभ में फस कर अरे सारा चैन गवाया,
अब जीना हुआ दुश्वार,मेरा दिल नहीं लगता,
जिस को हमने अपना समजा उसने ही ठुकराया,
दुनिया की गति अजब निराली देख बहुत पछताया,
है स्वार्थ मये संसार मेरा दिल नहीं लगता,
माया वि दुनिया में आकर सब कुछ हमने देखा,
एहंकार अज्ञान में आकर रंग बदल ते देखा,
अब किस पे करू विस्वाश मेरा दिल नहीं लगता,