कीर्तन की है त्यारी थाने आनो पड़सी श्याम,
भक्तो के संग मिल के रंग पड़सी श्याम,
देख ये प्यारे महारी कीर्तन में आ कर,
भोग लगा है छपन देख लियो खा कर,
कीसा बना है व्यंजन बतादो पड़सी श्याम,
भक्ता के संग मिल के रंग......
भजन सुना सा थाने आज चुन चुन के,
आज रिजा सा बाबा थाने झूम झूम के,
भजन की गंगा में डुबकी लगा लो पड़सी श्याम,
भक्ता के संग मिल के रंग......
कितनो का रहा प्रेम कही बतावा,
बाला जी मै को न जो दिल चीर के दिखावा,
हे कितनो प्रेम करो है बतलानो पड़सी श्याम,
भक्ता के संग मिल के रंग......
बल्लू करे है विनती थासु हाथ जोड़ कर दूर न जा जो प्रीती से रिश्तो यो तोड़ कर,
जन्म जन्म को रिश्तो बना लो पड़सी श्याम,
भक्ता के संग मिल के रंग......