तेरे दर ना आ पाए कैसी लाचारी है

तेरे दर ना आ पाए कैसी लाचारी है,
इस जग में फैली है कैसी महामारी है,

क्यों देख रहा है तू बचो को बिलखते हुए,
उम्मीद भरी नजरे कहती है झलकते हुए,
लेहरा दे मोर छड़ी जो संकट हारी है,
तेरे दर ना आ पाए कैसी लाचारी है,


कैसे तुझे भाता है तेरा सुना आँगन ,
क्यों तुझको नहीं खलता बाबा ये अकेलापन ,
तेरे होते हुए बाबा क्यों भगत दुखारी है,
तेरे दर ना आ पाए कैसी लाचारी है,

जो हमसे हुई गलती उसे माफ़ करो देवा ,
खोलो अब दरवाजा करने दो हमे सेवा,
राशि कहे बाबा तेरी महिमा बाहरी है,
तेरे दर ना आ पाए कैसी लाचारी है,

download bhajan lyrics (769 downloads)