एक तेरी, साँवरी सूरत से,
बस हो ही गया है, प्यार मुझे l
खा करके, ज़माने की ठोकर,
एक तूँ ही मिला, दिलदार मुझे l
मेरे इस, उजड़े गुलशन की,
अब तक न मिली है, बहार मुझे l
ओ नन्द लाला, अब देर न कर,
झट से दिखला, दीदार मुझे l
हो मुरली वाले, यार तेरा,
हो कमली वाले, यार तेरा,
प्यार पाने, आ गए,,,,
हम वृन्दावन lll आ गए,
हम वृन्दावन आ गए ll
तुझ बिन बीती, कितनी रातें
तुझसे करने, को कुछ बातें ll
मनमोहन, दिलदार तुमको ll
बिनती सुनाने आ गए,,,,
हम वृन्दावन lll आ गए,,,,,,,,
बिनती तुमसे, ये ही साँवरिया
तेरे दर पे, बीते उमरिया ll
वृन्दावन की, पावन रज को ll
मस्तक पे लगाने आ गए,,,,
हम वृन्दावन lll आ गए,,,,,,,
हम तो हैं तेरे, प्रेम दीवाने
दीवाने, तेरे मस्ताने ll
सारे जग को, ठुकरा के हम ll
तुमको रिझाने आ गए
हम वृन्दावन lll आ गए,,,,,,
पागल की, पागल ही मस्ती
भूल के बैठे, अपनी हस्ती ll
चित्र वचित्र भी, वृन्दावन की ll
महिमा गाने आ गए,,,,
हम वृन्दावन lll आ गए,,,,,,,,
अपलोडर- अनिल रामूर्ति भोपाल