तेरी शरण में आया दीवाना करलो न स्वीकार,
कन्हैया लेकर असुवन धार,
मैं तो हु एक दीं अनाथा,
तुम तो हो दुनिया के विदाता,
मेरा भी प्रभू भागये जगा दो मानुगी उपकार,
कन्हैया लेकर असुवन धार,
आंसू हो आँखों का गहना,
चाहे बस चरणों में रहना,
आंसू ही दौलत है हमारी सवालियां सरकार,
कन्हैया लेकर असुवन धार,
हारे के साथी कहलाते,
मोहित भगत की लाज बचाते,
जनम मरण से देदो मुक्ति करदो न उधार,
कन्हैया लेकर असुवन धार,