तू आजा माँ बड़े चिर तो लगी है आस दर्शन दी,
है अखियां न भी हर वेले लगी है आस दर्शन दी ,
जो तेरा प्यार मंगदे ने ओहना नु प्यार मिलदा है,
मैं तेरा दर्श मंगदा हां सुनो फर्याद निर्धन दी,
तू आजा माँ बड़े चिर तो लगी है आस दर्शन दी,
तेरी ममता दे सागर को मिले अमृत दे दो कतरे,
मेरी किस्मत भी बन जावे मिले जे धूल चरनन दी,
तू आजा माँ बड़े चिर तो लगी है आस दर्शन दी,
मेरे जो नैन ने दाती कई जन्म तो प्यासे ने,
कर्म करदे ये मेरे ते मिट जाये प्यास मेरे मन दी,
तू आजा माँ बड़े चिर तो लगी है आस दर्शन दी,
लग्न दर्शन दी लेके माँ एह बंसी दर ते आया है,
ना खाली दास नु मोड़ी एह विनती है तेरे चन दी,
तू आजा माँ बड़े चिर तो लगी है आस दर्शन दी,