हे गजानन बतादो मुझको ज़रा,
मेरी पूजा में कोई कमी तो नही ,
रिधि सीधी के दाता बताओ जरा ,
मेरी सेवा में कोई कमी तो नही
सब से पहले करू मैं तेरी वंदना,
सिर झुका के मनाऊ गोरी नन्द न,
अपनी करुना दिखा के बताओ जरा
मेरी पूजा में कोई कमी तो नही ,
हो दयालु दया के सागर हो तुम,
सुख करता हो तुम दुःख हरता हो तुम,
कष्ट सारे मिटा के तुम बताओ जरा,
मेरी पूजा में कोई कमी तो नही ,
भोग लाडूवन का तुम को लगाऊ गणेश,
आओ मुस्क सवारी कर काटो कलेश ,
गोपी भोग लगा के बताओ जरा,
मेरी पूजा में कोई कमी तो नही,