तेरे इश्क़ दी रीत निभांदी हाँ

तरज़-:शामा आंन बसों वृन्दावन में

तेरे इश्क़ दी रीत निभांदी हाँ,
वे मैं श्याम तों सदके जांदी हाँ,
तेरे इश्क़ दी रीत....

यार मेरा दिल दार मेरा,
यमुना दे किनारे वसदा हे,
ओ मुरली वजावे कदम तले,
ते मैं नचं नच पैला पांदी हाँ
तेरे इश्क़ दी रीत निभांदी हाँ,
वे मैं श्याम तों सदके जांदी हाँ,
तेरे इश्क़ दी रीत....

मैंनूं दीन धर्मं सब भूल गये,
तेरे इश्क़ दे दर आज खुल गये,
मैं जप तप धर्मं ते पूजा कूँ,
तेरे उतों घोल मुकेंन्दीं हाँ,
तेरे इश्क़ दी रीत निभांदी हाँ,
वे मैं श्याम तों सदके जांदी हाँ,
तेरे इश्क़ दी रीत....

तेरे इश्क़ दी मैं तां पी गयी हाँ,
मैं ता तेरी दीवानी हो गई हाँ,
तेरे कदमा विच थोड़ी जगह मिले,
मैं ना मरदी ना मैं जींदीं हां,
तेरे इश्क़ दी रीत निभांदी हाँ,
वे मैं श्याम तों सदके जांदी हाँ,
तेरे इश्क़ दी रीत....

ओ यार मेरा दिल दार मेरा,
यमुना दे किनारे वसदा हे,
ओ मुरली वजावे कदम तले,
ते मैं नचं नच पैला पांदी हाँ
तेरे इश्क़ दी रीत निभांदी हाँ,
वे मैं श्याम तों सदके जांदी हाँ,
तेरे इश्क़ दी रीत....

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