कागा की करते हो असवारी,
जय जय शनि देव बलकारी,
जय शनि देवा बोलो जय शनि देवा,
नो नो ग्रहो में तुम शक्ति शाली,
दृष्टि से तुमरी डरते सभी,
साढ़ेसाती तुम्हारी है जब आती पूजन तुम्हारा तो करते सभी,
लोहा तिल तेल चढ़ाते सभी,
उड़द का भोग लगते सभी शनि देव तुमको मनाते सभी,
जय जय भुलाते है तुम्हारी,
जय जय शनि देव बलकारी,
सूरज के पुत्र हो छाया महतारी,
यम यमुना भाई बहन आप के,
दुःख संकट काटो मैं हु सताया शनि देव मुझको बचाना पाप से,
शनि वार मंदिर में आउ तेरे गुण गान शनि देव गाउ तेरे,
तिल तेल चरणों चड़ाउ तेरे ,
गुण तेरे गाये श्रिस्ति सारी,
जय जय शनि देव बलकारी,
कर्मो का नाये करे शनि देवा ढंड अधिकारी कहलाते है ये,
जैसा भी जिस ने कर्म किया हो फल उसको वैसा दिलाते है ये,
चरणों में आके तुम झुक जाना,
भगति में कर्ज ये कर जाना,
गुण शनि देव का सब गाना,
कलयुग में देवा तुम अवतारी,
जय जय शनि देव बलकारी,