मेरी माला के मोती

मेरी माला के मोती बिखर गये,
बड़े चाव से मैंने बनाई थी,

मेरे अपने छुट गये साईं मैं जिनको अपना कहता था,
कई गाव दिये मुझे अपनों ने मैं जिनके दिल में रहता था,
मैं दर दर भटक ता फिरता हु,
मेरी मंजिल तुम हो साईं जी,
अब और कहा जाऊ साईं,
नही अपना कोई साईं जी,
मेरी माला के मोती .......

तिनका तिनका तुम चुन कर के छोटी सी कुटियाँ बनाई थी,
उस कुटियाँ में साईं बाबा तद प्रेम की ज्योत जलाई थी,
वो छुट गये जो थे अपने हर इक शेह लगती पराई थी
अब और कहा जाऊ साईं,
नही अपना कोई साईं जी,
मेरी माला के मोती .......

तेरी रहमत के चर्चे सुन कर,
मैं आ पोहंचा दरबार तेरे इक तेरे,
इक तेरे सिवा कोई भी नही जो हर ले साईं कष्ट मेरे,
अब और नही जाऊ गा कही,
शिरडी वाले मेरे साईं जी,
अब और कहा जाऊ साईं,
नही अपना कोई साईं जी,
मेरी माला के मोती .......
श्रेणी
download bhajan lyrics (827 downloads)