मोहबत मसीहा कर्म करने वाले,
करदे कर्म तू बाबा ओ साई शिरडी वाले,
साई शिरडी वाले,
तेरे दरबार में जो आता है सवाली है,
बदनसीबों का मेरे आका तू तो वाली है,
हम भी बिगड़ी हुई तकदीर आज लाये है,
तेरे चरणों में हम अपना दामन हम बिछाये है,
तन मन किया है साई तेरे हवाले,
साई शिरडी वाले....
तेरी रेहमत से चाँद और तारे जगमगा ते है,
परिष्ते भी तेरी चौकठ पे सिर झुकाते है,
गुलिस्तां पे तेरी शान और शौकत कायम है,
तेरी सहमत से हर चमन भी मुस्कुराता है.
तू तो है भोला साई मेरे कमली वाले,
साई शिरडी वाले,