लागा चुनरी में दाग, छुपाऊँ कैसे
चुनरी में दाग, छुपाऊँ कैसे, घर जाऊँ कैसे
लागा चुनरी में दाग...
हो गई मैली मोरी चुनरिया
कोरे बदन सी कोरी चुनरिया
जाके बाबुल से नज़रें मिलाऊँ कैसे, घर जाऊँ कैसे
लागा चुनरी में दाग...
भूल गई सब बचन बिदा के
खो गई मैं ससुराल में आके
जाके बाबुल से नज़रे मिलाऊँ कैसे, घर जाऊँ कैसे
लागा चुनरी में दाग...
कोरी चुनरिया आत्मा मोरी
मैल है माया जाल
वो दुनिया मोरे बाबुल का घर
ये दुनिया ससुराल
जाके बाबुल से नज़रे मिलाऊँ कैसे, घर जाऊँ कैसे
लागा चुनरी में दाग...
गीतकार - साहिर लुधियानवी
संगीत - रौशन
गायक - मन्ना डे