कर ले तू सुमिरन
(तर्ज़:– कोई जब तुम्हारा हृदय तोड़ दे)
कर ले तू सुमिरन हरी नाम का
ये मोती है एक एक तेरे काम का
गया जो समय वो ना फिर आएगा,
हरी नाम ही तेरे काम आये कर ले, भजन राम का ।।
करले तू सुमिरन हरी नाम का....
हरी नाम की ऐसी महिमा महान
की विष को भी कर दे ये अमृत समान,
जिसे पी के मीरा के बच गए थे प्राण
कान्हा को भजती थी वो सुबहो शाम,
ना राणा रहा फिर किसी नाम का
ये मोती है एक एक तेरे काम का
गया जो समय वो ना फिर आएगा,
हरी नाम ही तेरे काम आये कर ले, भजन राम का ।।
करले तू सुमिरन हरी नाम का....
ये गाड़ी ये बंगला जमीन और कार
हरी नाम के आगे सारे बेकार
ये रिश्ते ये नाते ये अपनों का प्यार
तेरे जीने तक का है सारा संसार
अपनों के हाथों ही जल जायेगा
हरी नाम ही तेरे संग जायेगा
गया जो समय वो ना फिर आएगा,
हरी नाम ही तेरे काम आये कर ले, भजन राम का ।।
कर ले तू सुमिरन हरी नाम का
ये मोती है एक एक तेरे काम का
गया जो समय वो ना फिर आएगा,
हरी नाम ही तेरे काम आये कर ले, भजन राम का ।। भजन राम का, भजन राम का, भजन राम का ।।।
लिरिक्स & अपलोडर प्रदीप गौर