माँ काली से सच्ची प्रीत लगा के देख ले,
तेरा काट देगी संकट भेट चढ़ा के देख ले,
शुभ निशमन मारन वाली आ रक्त बीज संगारन वाली आ,
तेरा भरम हो जाएगा दूर तू आजमा के देख ले,
तेरा काट देगी संकट भेट चढ़ा के देख ले,
कोई कहता इसने माँ काली,
कोई कहंता दुर्गा में वाली,
जिसे नाम भुलावे आवे तू भुला के देख ले,
तेरा काट देगी संकट भेट चढ़ा के देख ले,
तेरा शनिवार ने चाइये क्यों,
पान पेड़े का भोग लाइए क्यों,
तेरी ईशा पूरी हो जाये अर्जी ला के देख ले,
तेरा काट देगी संकट भेट चढ़ा के देख ले,
कहंदा करशिमा सच्ची साथी आ,
भगता की बने हिमाती आ,
मीनू के तू बंधन आज बना के देख ले,
तेरा काट देगी संकट भेट चढ़ा के देख ले,