मैया नवरात्रों में जब धरती पर आती है,
किसको क्या देना है ये सोच के आती है,
पहले नवरात्रे मैं माँ सब की खबर लेती है,
दूजे नवरात्रे में अपने खाते में लिख लेती है,
तिजे नवरात्रे में बात आगे बढ़ती है
मैया नवरातो......
चौथे नवरात्रे में माँ आसान लगाती है,
पाचवे नवरात्रे में मैं आ गई हु बताती हैं,
छटवे नवरात्रे में सबको दर्शन करवाती है,
मैया नेवरतो.......
सते नवरात्रे में खोल देती खजाने है,
अठे नवरात्रे में लग जाती लुटाने है,
नोवी नवरात्रे में दोनो हाथो से लुटाती है,
मैया नेवरतो....
दसवे दिन माता की विदाई जब आती है,
सारे धरती के लोगो की आंखे भर आती है,
रामा फिर आउंगी वादा करके चली जाती है,
किसको कया मैया नेवरतो में.......