ओ मेरे मेरे साइयाँ ओ मेरे साइयाँ,
तुझसे ही इक लगन लाइ आ लाइ आ,
ओ मेरे मेरे साइयाँ ओ मेरे साइयाँ,
साई दा साथ आखिरी वे,
मन रमदा ओहना दे शरण विच,
साई दे सहारे चलेया मैं ज़िंदडी कटी ओहना दे चरना च,
तुझसे ही इक लगन लाइ आ लगन लाइ आ,
ओ मेरे मेरे साइयाँ ओ मेरे साइयाँ,
साई के दर पे मैं सजदा करता रहु,
अपनी झोली खुशियों से भरता रहु,
सारी मन्नत युही पाई आ पाई आ,
ओ मेरे मेरे साइयाँ ओ मेरे साइयाँ,
भटका हुआ हु जीवन के रैले में,
मैं हु अकेला रिश्तो के मेले में,
बन के आजा मेरा माहिया माहियाँ,
ओ मेरे मेरे साइयाँ ओ मेरे साइयाँ,