मेरे हाल दा मरहम तू साईंया

मेरे हाल दा मरहम तू साईंया,
मेरे हाल दा मरहम तू,
अंदर तू है बहार तू है रोम रोम विच तू,
मेरे हाल दा मरहम तू साईंया

तू है दाना तू है बाना सब कुछ मेरा तू वे साईंया,
हाल दा मरहम तू साईंया मेरे हाल दा मरहम तू साईंया

कहे हुसेन फ़क़ीर निमाना मैं नहीं सब कुछ तू वे साईंयां॥
हाल दा मरहम तू साईंया मेरे हाल दा मरहम तू साईंया,
अंदर तू है बहार तू है ॥ रोम रोम विच तू,
हाल दा मरहम तू साईंया मेरे हाल दा मरहम तू साईंया,

अपने तन की खाक बुन्दाई तब तेरे इश्क की मंजिल पाई,
मेरी सांसो बने एक तारा आसा ने तनु रब मनाया,
तू माने या न माने दिलदार आसा ते तेनु रब मनया,

तुझ बिन जीना भी क्या जीना तेरी चोकथ मेरा मदीना,
कही और ना सजदा दवारा,आसा ने तनु रब मनाया,
तू माने या न माने दिलदार आसा ते तेनु रब मनया,

तेरे दरवार की नोकरी सबसे वाडिया है सबसे खरी,
जबसे तेरा गुलाम हो गया तबसे मेरा नाम हो गया,
वर्ना औकात क्या थी मेरी सबसे वाडिया है सबसे खरी,

मैं नही था किसी का गुलाम ले सहारा तेरे नाम का,
ले सहारा तेरे नाम का बन गी आज किस्मत मेरी,
सबसे बढ़िया है सबसे बड़ी,

साईं राम बोलो जी साईं श्याम बोलो...
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